जशपुरनगर भारतीय जनता पार्टी ने जशपुर जिले के बगीचा ब्लाक के सरधापाठ में 4 सितंबर को बाक्साइट उत्खनन के विरोध में विशाल विरोध प्रदर्शन की घोषणा कर दी है। पार्टी के जिला मिडिया प्रभारी फैजान सरवर खान ने बताया कि जशपुर की हरितिमा और अस्तित्व को बचाने के लिए इस प्रदर्शन में पूर्व केन्द्रीय मंत्री विष्णुदेव साय,भाजयुमा के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रबल प्रताप सिंह जूदेव,सांसद श्रीमती गोमती साय,पूर्व सांसद रणविजय सिंह जूदेव,जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रायमुनि भगत के साथ कद्दावर आदिवासी नेता और जनजातिय सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक गणेश राम भगत नेतृत्व करेगें। उन्होनें बताया कि इनके साथ जिलाध्यक्ष रोहित साय,पूर्व विधायकों के साथ पार्टी के जनप्रतिनिधि और पदाधिकारी भी शामिल होगें। भाजपा का दावा है कि इस विरोध प्रदर्शन में हजारों की संख्या में स्थानीय लोग भी शामिल होगें। जानकारी के लिए बता दें कि बाक्साइट उत्खनन का यह मामला बीते दिनों 22 अगस्त को कथित रूप से पकरीटोली में जनसुनवाई के आयोजन किए जाने से संबंधित एक सरकारी आदेश के इंटरनेट मिडिया में वायरल होने के बाद गरमाया है। इस आदेश में बताया गया है कि पकरीटोली के 128 हेक्टेयर भूमि से बाक्साइट उत्खनन के लिए पट्टा जारी किया जाना है। हालांकि मामला गरमाने के बाद छत्तीसगढ़ मिनरल डेवलपमेंट कार्पोरेशन ने इस नोटिस को सिरे से खारिज करते हुए दावा किया है कि उसकी ओर से पकरीटोली में जनसुनवाई के लिए कोई नोटिस जारी नहीं किया गया है।
कांग्रेस और भाजपा के बीच चल रहे सियासी तीर –
बाक्साइट उत्खनन का यह मामला सामने आने के बाद से आदिवासी बाहुल्य जशपुर जिले का सियासी पारा गरमाया हुआ है। भाजपा ने इस मामले को हाथो हाथ लेते हुए प्रदेश सरकार और कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए,लगातार हमला कर रही है। बीते दिनों एक प्रेस कांफ्रेंस में भाजपा नेताओं ने कहा था कि कांग्रेस की साढ़े तीन साल के कार्यकाल में जिले में औद्योगिकरण की हलचल बढ़ी है। जनभावना की उपेक्षा कर,सरकार,जशपुर की प्राकृतिक सौंदर्य और यहां के पर्यावरण को नष्ट करने का प्रयास कर रही है। भाजपा के इस राजनीतिक हमले के बाद कांग्रेस की ओर से जवाबी मोर्चा सम्हालते हुए संसदीय यूडी मिंज और जशपुर के विधायक विनय कुमार भगत ने स्पष्ट किया था कि किसी भी स्थिति में जशपुर में यहां के पर्यावरण को प्रभावित करने वाले उद्योग को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इन दोनों ही नेताओं ने जारी किए गए बयान में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से हुई चर्चा के बाद प्रस्तावित जनसुनवाई के निरस्त होने की बात भी कही थी।