रायपुर, (द ब्लेज ई न्यूज) जमीन का एक टुकड़ा, उसके 43 खातेदार, रातो रात, राजस्व रिकार्ड से से 42 खातेदारों के नाम गायब हो गए और एक अकेला भू स्वामी बन गया पूरे जमीन का मालिक. राजस्व विभाग का यह अजब कारनामा मध्यप्रदेश के रतलाम जिले के मुंदड्डी गाँव की है. बाजीगरी दिखाने वाले पटवारी और फर्जीवाड़े से भू स्वामी बने किसान दोनों को न्यायालय ने 7-7 साल की सजा सुनाई है. दरअसल, आरोपी पटवारी रमेश चंद्र गहलोत का यह कारनामा उस समय उजागर हुआ, जब फर्जीवाड़े से जमीन मालिक बने नाना लाल ने जमीन में लगी हुई मक्के की फसल को कीटनाशक छिड़क कर जला दिया. पीड़ित किसान फूलीबाई की शिकायत पर जब पुलिस और राजस्व विभाग ने मामले की जांच की तो इस फर्जीवाड़े की परते खुली. जांच में पता चला की ब्रश 2006-07 के पांच साला खसरे में, भूमि सर्वे में बिना सक्षम अधिकारी के आदेश के ही 43 सह खातेदारो में से 42 खातोंदारो का नाम विलोपित कर, पूरे 1. 490 हेक्टेयर जमीन का मालिक सह आरोपित नानालाल को बना दिया. इस फर्जीवाड़े की जांच पुलिस के साथ राजस्व विभाग की जांच टीम ने किया था. इस जांच रिपोर्ट के आधार पर पटवारी रमेशचंद्र गहलोत और भू स्वामी नानालाल के खिलाफ धारा 466, 467, 120 बी के तहत अपराध दर्ज कर, न्यायालय में चालान पेश किया था. अभियोग और बचाव पक्ष की दलील सुनने के बाद, अपर सत्र न्यायालय ने पटवारी रमेशचंद्र गहलोत और किसान नानालाल को सात सात साल की सजा सुनाई है.