जशपुरनगर। भारतीय जनता पार्टी द्वारा विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की पहली सूची जारी करने के बाद,जशपुर विधानसभा को लेकर अनुमानों का दौर शुरू हो चुका है। अनुमान लगाया जा रहा है कि सितंबर के पहले सप्ताह में भारतीय जनता पार्टी की दूसरी सूची जारी हो सकती है। इस सूची में जशपुर जिले के तीनों विधानसभा सीटों के प्रत्याशियों का नाम भी घोषित किया जा सकता है। मतदाताओं की नजर जशपुर और कुनकुरी विधानसभा सीटों पर टिकी हुई है। इन दोनों विधानसभा सीटों से पहली बार,टिकट के लिए महिला दावेदार मजबूत स्थिति में दिखाई दे रहीं हैं। जशपुर विधानसभा सीट से जिला पंचायत जशपुर की अध्यक्ष रायमुनि भगत का नाम सबसे आगे चल रहा है,वहीं कुनकुरी विधानसभा सीट से रायगढ़ लोकसभा की संसद सदस्य गोमती साय का नाम भी दावेदारों में शामिल बताया जा रहा है। हालांकि सांसद श्रीमती साय ने इस मामले में अब तक चुप्पी साध रखी है। जशपुर विधानसभा सीट की बात की जाए तो यहां रायमुनि भगत के साथ ही प्रदेश के पूर्व वन मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता गणेश राम भगत भी टिकट के मजबूत दावेदार हैं। जनजातिय सुरक्षा मंच के साथ मिल कर डिलिस्टिंग आंदोलन सहित सामाजिक मुद्दों पर आक्रामक तेवर के कारण,जनजातिय समाज में गणेश राम भगत खासे लोकप्रिय हैं। वहीं रायमुनि भगत की बात की जाए तो जिला पंचायत अध्यक्ष के रूप में अपनी तीसरी पारी सम्हाल रही रायमुनि भगत को,पार्टी संगठन का दायित्व सम्हालने का लंबा अनुभव है। प्रदेश उपाध्यक्ष,प्रदेश कार्य समिति की सदस्य,महिला मोर्चा का जिलाध्यक्ष,जिला महामंत्री जैसे दायित्व निभा चुकी है। घरेलू महिला के दायरे से बाहर निकल कर,रायमुनि भगत ने नगरपालिका पार्षद के रूप में अपना राजनीतिक सफर तय करते हुए,जिला पंचायत जशपुर के अध्यक्ष पद तक पहुंची और अब जशपुर विधानसभा सीट से टिकट की दावेदार हैं। पत्थलगड़ी आंदोलन के समय, भी रायमुनी भगत की दमदारी ने लोगो आश्चर्यचकित कर दिया था अगर सांसद गोमती साय की बात की जाए तो जिला पंचायत अध्यक्ष रही गोमती साय को बीडीसी और डीडीसी के साथ संगठन में जिला महामंत्री और मंडल उपाध्यक्ष जैसे दायित्व निर्वाहन करने का अनुभव भी है। गोमती साय,छत्तिसगढ से भाजपा की पहली महिला मंडल उपाध्यक्ष होने का गौरव भी हासिल है। पार्टी स्तर पर सांसद श्रीमती साय का नाम कुनकुरी के साथ पत्थलगांव विधानसभा सीट की प्रत्याशी के रूप में भी लिया जा रहा है। सांसद के रूप में गोमती साय का कार्यकाल काफी चर्चित रहा। रेल और सड़क का मुद्दा संसद में उन्होनें पूरी दमदारी के साथ उठाया। जशपुर और रायगढ़ जिले से जुड़े मुद्दों को लेकर संसद के साथ केन्द्रीय मंत्रीमंडल के समक्ष भी उठाती रही है। पार्टी स्तर पर कार्यकर्ताओं से बेहतर तालमेल के साथ,प्रदेश सरकार के खिलाफ उनके तीखे तेवर से भी सांसद गोमती साय ने लोगों को आकर्षित किया है। देखना दिलचस्प होगा कि जिला पंचायत जशपुर की दोनो महिला अध्यक्षों का भारतीय जनपा पार्टी चुनावी महासमर में उतारती है या नही? विधानसभा चुनाव का परिणाम भाजपा के पक्ष में आने पर,जिले के राजनीतिक इतिहास में नया अध्याय जुड़ सकता है। सांसद के रूप में क्षेत्र ने गोमती साय से पहले कांग्रेस की पुष्पादेवी सिंह को देखा है। लेकिन, अब तक आदिवासी बाहुल्य जशपुर जिले को महिला विधायक नहीं मिल पाई है।