जशपुर नगर। भाजपा के सड़क आंदोलन पर संसदीय सचिव और कुनकुरी के विधायक यूडी मिंज ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में लगातार 15 साल तक शासन करने वाली भारतींय जनता के नेताओ की नींद अब जा कर टूटी है। उन्होंने कहा कि जशपुर सहित पूरे छत्तीसगढ़ में सड़कों की जो दुर्गति है,उसके लिए सीधे तौर पर भाजपा जिम्मेदार है। ठेकेदारों से साठगांठ कर,गुणवत्ताविहीन घटिया निर्माण कराया गया। भ्र्ष्टाचार और कमीशन का खेल में मस्त रहे भाजपा के नेताओ को आम जनता को हो रही कठिनाई की सुध ही नहीं रह गई थी। इसी की सजा प्रदेश की जनता ने भाजपा को 2018 के विधानसभा चुनाव में जनता ने सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया था।
गुणवत्ता से नहीं होगा समझौता
यूडी मिंज ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के साथ किये जा रहे वित्तीय भेदभाव के बावजूद,प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने पूरे छत्तीसगढ़ की सड़कों के पुनर्निर्माण और मरम्मत के लिए 4 सौ करोड़ रुपये आबंटित किया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग के बड़े अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करके स्पष्ट संदेश दिया है कि सड़क के मामले में लापरवाही कतई बर्दाश्त नही किया जाएगा। सड़क निर्माण कार्य के लिए मुख्यमंत्री ने सीधे जिलों के कलेक्टरों को जिम्मेदारी दी दी है। बरसात खत्म होते ही सड़को का निर्माण और मरम्मत का काम तेजी से शुरू होगा। कांग्रेस के कार्यकाल में जो भी सड़के बनेगीं,वो गुणवत्तापूर्ण होगी।
भाजपा बताए,एनएच का निर्माण कब शुरू होगा
संसदीय सचिव यूडी मिंज ने भाजपा पर पलट वार करते हुए कहा कि कांग्रेस ने राज्य सरकार के अधीन वाले सड़को के पुनर्निर्माण और मरम्मत का काम शुरू कर दिया है। अब भाजपा के जिम्मेदार जन प्रतिनिधियों को बताना चाहिए कि 8 साल से अधर में लटके कटनी गुमला राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कार्य कब शुरू होगा? केंद्र सरकार की लापरवाही के कारण,पूरे जिले की सड़क जर्जर हो चुकी है। लेकिन,इस मामले में भाजपाई मुह खोलने की स्थिति में नहीं हैं।
राहुल गांधी से सीख रहे हैं पद यात्रा
कांग्रेस के जिलाध्यक्ष मनोज सागर यादव ने भाजपा के प्रस्तावित पदयात्रा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो पदयात्रा को देख कर,भाजपाई अभी पदयात्रा करना सीख रहे है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के विकास की नई इबारत रचने के साथ छत्तीसगढ़ी संस्कृति और परम्परा को सहेजने का जो ऐतेहासिक काम हुआ है,उसे देख भाजपाईयो के होश उड़े हुए है। इसलिए उन्हें समझ मे नहीं आ रहा क्या करें और क्या न करें?