जशपुरनगर। वह 1 जुलाई 2020 की रात थी। लगातार हो रही वर्षा के कारण सन्नाटा पसरा हुआ था। आस्ता के निवासी किराना व्यवसायी शैलेन्द्र सिंह,अपना दिन भर के व्यवसाय का हिसाब किताब निबटा कर,घर लौटे ही थे कि रात 9 बजे घर के पिछले हिस्से में उन्हें कुछ आहट सुनाई दी। जैसे ही उन्होनें पीछे का दरवाजा खोला घात लगाएं बैठे आक्रमणकारी ने उन पर हमला कर दिया। पति के चिखने की आवाज सुनकर,उनकी पत्नी श्रीमती सुमन सिंह उनकी ओर दौड़ी और वो भी बेरहम हत्यारे की क्रूरता का शिकार हो गई। खून से लथपथ सुमन सिंह मदद के लिए पड़ोसी के दरवाजे पर पहुंची। इसी गांव में रहने वाले शैलेन्द्र सिंह के भाई दोनों घायलों को इलाज के लिए स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और फिर जिला चिकित्सालय लेकर पहुंचें। लेकिन दोनों को ही नहीं बचाया जा सका। दो साल पूर्व हुई इस दोहरे हत्याकांड को जशपुर की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री कहा जा रहा आस्ता का दोहरा हत्याकांड ढाई साल और तीन एसपी के कार्यकाल गुजर जाने के बाद भी नहीं सुलझ पाया है। जिले के नए पुलिस कप्तान डी रविशंकर के पदभार सम्हालने के बाद एक बार फिर कयासों का दौर चल रहा है कि क्या अब इस हत्याकांड की परतें उधड़ेगीं?हत्यारे कानून के शिकंजें में जकड़े जाएंगे? और मृतकों को न्याय मिल सकेगा? ऐसा नहीं है कि जशपुर पुलिस ने इस केस को सुलझाने में कोई कमी की हो। जशपुर पुलिस ने हर संभव प्रयास किया है। मृतकों के रिश्तेदारों व परिचितों से लंबी पूछताछ के साथ मोबाइल टावर का डाटा खंगालने के साथ पालिग्राफ जांच तक हो चुकी है। लेकिन अब तक हत्यारे का कोई सुराग तो दूर,हत्या का कारण भी रहस्यों के धुंधलके में छिपा हुआ है। नवपदस्थ एसपी डी रविशंकर के पास इंटेलिजेंस का एक लंबा अनुभव है। इसे देखते हुए उम्मीद जताई जा रही है कि जशपुर पुलिस हत्यारे को उसके अंजाम तक पहुंचा सकती है। वैसे भी,डी रविशंकर के सामने इस समय एक बड़ी चुनौती कांसाबेल थाना क्षेत्र के गड़ला में हुई दोहरे हत्याकांड को सुलझाने को लेकर खड़ी हुई है। लगभग आस्ता हत्याकांड के तर्ज पर हुई इस वारदात से दोनों ही घटना,मिडिया की सुर्खियां बनी हुई है। देखना होगा,जशपुर पुलिस,और खासकर एसपी डी रविशंकर इस चुनौती से कैसे निबटते हैं?
तीन एसपी नहीं सुलझा सके गुत्थी —
जशपुर पुलिस के लिए चुनौती बन चुके शैलेन्द्र और सुमन हत्याकांड की डायरी अब तक तीन एसपी के हाथों से गुजर चुकी है। इस लोमहर्षक हत्या के दूसरे ही दिन एसपी बालाजी राव ने जशपुर जिले की कमान सम्हाली थी। पदभार ग्रहण करते ही,उन्होनें इस मामले को सुलझाने के लिए विशेष जांच टीम का गठन किया था। लेकिन,जिले की रवानगी से पहले वे इसे सुलझा पाने में कामयाब नहीं हो पाएं। उनके बाद विजय अग्रवाल ने जशपुर पुलिस की कमान सम्हाली। कमान सम्हालते ही उन्होने इस दोहरे हत्याकांड की केस की डायरी को नए सिरे से काम किया। लेकिन जांजगिर स्थानांनतरण से पहले वे भी सभी प्रयासों के बाद भी दोहरे हत्याकांड की फाइल को क्लोज नहीं कर पाएं। डी रविशंकर से पहले जिले के कप्तान रहे राजेश अग्रवाल को काम करने का ज्यादा समय ही नहीं मिल पाया। बामुश्किल,दो माह जिले के एसपी रहे राजेश अग्रवाल अब छग बल के 11 वीं वाहनी का कमान सम्हालेगें।