गरियाबंद पुलिस अधीक्षक निखिल राखेचा ने अपनी टीम के साथ मैनपुर थाना क्षेत्र के नक्सल प्रभावित गांवों मटाल और राजाडेरा का दौरा किया। यह दौरा उस क्षेत्र में हुआ जहां हाल ही में सुरक्षाबलों ने दो बड़ी मुठभेड़ों में 25 से अधिक नक्सलियों को ढेर किया था।
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एसपी ने ग्रामीणों से मुलाकात की, उनकी समस्याएं सुनीं और सामुदायिक पुलिसिंग के तहत सहायता प्रदान की। सामुदायिक पुलिसिंग कार्यक्रम के तहत, एसपी ने गांव के बच्चों, प्रमुखों और महिलाओं से बातचीत की। ग्रामीणों ने बिजली, पानी और स्कूल भवन जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी से जुड़ी समस्याएं बताईं।

ग्रामीणों का फ्री हेल्थ चेकअप
पुलिस अधीक्षक ने संबंधित विभागों से बात कर इन समस्याओं का शीघ्र समाधान कराने का आश्वासन दिया। इस दौरान स्कूली बच्चों को स्कूल बैग, चॉकलेट और बिस्कुट वितरित किए गए, जबकि ग्रामीणों को शॉल और साड़ियां दी गईं।कार्यक्रम के दौरान, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मैनपुर के डॉक्टर चमन कण्ड्रा की टीम ने ग्रामीणों का निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण किया। इस दौरान आवश्यक दवाइयां भी वितरित की गईं।
स्थानीय ग्रामीणों ने इस स्वास्थ्य शिविर का लाभ उठाया। शासन की आत्मसमर्पण नीति के तहत, एसपी ने क्षेत्र में सक्रिय नक्सलियों के लिए आत्मसमर्पण का संदेश ग्रामीणों के माध्यम से दिया। गांव में जगह-जगह पोस्टर लगाए गए हैं, जिनमें आत्मसमर्पण संबंधी जानकारी और दूरभाष नंबर 94792-27805 दिया गया है। इसके माध्यम से नक्सली स्थानीय पुलिस थाना या कैंप में हथियार के साथ संपर्क कर आत्मसमर्पण कर सकते हैं।

गरियाबंद में 2025 में मारे गए 26 नक्सली
इस साल इस इलाके में 26 नक्सली मारे गए हैं। यह इलाका राजा डेरा और मटाल का है, जिसे नक्सली खुद का “सेफ जोन” मानते थे। एसपी राखेचा की रणनीति के चलते जनवरी में 10 और अगस्त में 16 नक्सली इसी इलाके में ढेर कर दिए गए।
इन मुठभेड़ों के बाद 30 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। ओडिसा के सीमावर्ती इलाके में अब लगभग 30-35 नक्सली सक्रिय हैं, लेकिन नेतृत्व के अभाव में परेशान हैं। पुलिस लगातार उन्हें भी आत्मसमर्पण करने की अपील कर रही है।
पुलिस ने नक्सल प्रभावित इलाके में जाकर स्थानीय लोगों से मुलाकात की और उनके माध्यम से शेष बचे नक्सलियों तक अपना संदेश भी भेजा। पहली बार इस इलाके में कोई बड़ा प्रशासनिक अफसर पहुंचा, जिसे देखकर ग्रामीण खुश नजर आए।
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