जशपुरनगर। शहर के नजदीक डुमरटोली में लावा नदी रेत माफिया का झकझोर देने वाला कारनामा उजागर हुआ है। यहां,शहर की प्यास बुझाने के लिए 12 करोड़ की लागत से एनीकट को ध्वस्त कर,शहर को बूंद बूंद पानी के लिए तरसाने की साजिश सिर्फ चंद रूपए कमाने के लिए रची जा रही है। महिनों से चल रहे इस काले कारोबार की ओर से आंख मूंद कर,प्रशासन ने इस अवैध उत्खनन को मौन सहमति दे रखी है। जल संरक्षण की इस बड़ी योजना को लेकर बरती जा रही घोर लापरवाही को देखते हुए जिला प्रशासन का संरक्षण अभियान हाथी के दांत वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए नजर आ रही है। जिला मुख्यालय प्रशासनिक अधिकारियों के संरक्षण में खुले आम प्रति ट्रेक्टर डेढ़ से दो सौ रूपए का गुंडा टैक्स की अवैध वसूली की जा रही है।
सालों से चल रहे इस काले धंधे को लेकर खनिज विभाग के अधिकारी अब भी यह दावा कर रहें हैं कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी ही नहीं है। जानकारी के लिए बता दें कि ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशानुसार पूरे प्रदेश में शासन ने 10 जून से 15 अक्टूबर तक नदी से रेत उत्खनन पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। इस दौरान आवश्यक निर्माण कार्यो के एि रेत की आपूर्ति भंडारण से किया जाना है। लेकिन शहर सहित पूरे जिले में शासन के इस प्रतिबंध का असर दिखाई नहीं दे रहा है। लावा सहित सभी नदियों में बेखौफ हो कर रेत माफिया उत्खन्न करने में जुटे हैं। प्रशासन के संरक्षण में चल रहे रेत माफिया,अपनी जेब भरने के लिए शहरवासियों की बुनियादी जरूरत से खिलवाड़ करने से भी नहीं चूक रहें हैं।
शहर से लगभग 7 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत खरसोता के डूमरटोली में लावा नदी में जल संवद्र्वन योजना के तहत 14 करोड़ की लागत से एनीकट और इंटकवेल का निर्माण किया गया है। इस इंटकवेल के माध्यम से शहर में पानी की आपूर्ति की जाती है। इन दिनों इस एनीकट के आसपास बेतहाशा रेत का अवैध उत्खन्न किया जा रहा है। आसपास के रहवासियों ने बताया कि प्रतिदिन सुबह 4 बजे से लेकर सूर्यास्त तक लगभग डेढ़ से दो सौ ट्रेक्टर रेत निकाला जा रहा है। इस अवैध उत्खनन के कारण लावा नदी के तट की सूरत भी बिगड़ चुकी है।
खतरे में 7 करोड़ का बांध —
रेत के अवैध परिवहन से लावा नदी में निर्मित एनीकट के अस्तित्व पर भी खतरा मंडरा रहा है। रेत से भरे हुए ट्रेक्टर के साथ ही पिकप,कार,जीप भी इस एनीकट से पार हो रहे हैं। इंटकवेल के चोैकीदार ने बताया कि निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने परिवहन को रोकने के लिए लकड़ी की सहायता से इसे बंद कराया था। लेकिन दबंगई पर उतारू रेत माफिया इसे भी उखाड़ फेंकने से गुरेज नहीं किया। एनीकट के पास प्रशासन ने चार पहिया और भारी वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध का बोर्ड लगा रखा है। लेकिन यह केवल शो पीस साबित हो रहा है।इस संबंध में जब हमने खनिज विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों से उनका पक्ष लेने के लिए संपर्क किया तो जिला खनिज अधिकारी योगेश साहू के जिले से बाहर होने के कारण संपर्क नहीं हो पाया,वहीं खनिज निरीक्षक ने स्वयं के मिडिया से बात करने के लिए अधिकृत न होने की बात कह कर मामले को टाल दिया।