जशपुरनगर। शहर मे रुक-रुक कर हो रही रिमझिम बारिश के बीच बुधवार की सुबह शहर मे प्रकृति का एक अलग ही रूप देखने को मिला। सुबह सैर-सपाटे के लिए निकले शहरवासियो ने देखा कि पूरा शहर घने कोहरे की चादर से लिपटा हुआ था। आसमान से बरस रहे धुंध से दृश्यता कम हो गईं थी। राष्ट्रीय राज मार्ग मे वाहनों की रफ्तार भी कम हो गईं। दृश्यता (विजिब्लिटी) कम होने के कारण हल्की और भारी वाहनों के चालकों को मशक्क़त करनी पड़ी। आसमानी सफ़ेद चादर ने आने वाले दिनों मे मौसम में बदलाव का संकेत भी दे दिया है। मौसम वैज्ञानिकों ने देश से मानसून के बिदा होने की आधिकारिक घोषणा कर दी है। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में कोहरा का प्रभाव और बढ़ सकता है

।विभाग के अनुसार मानसून की बिदाई के बावजूद बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र के कारण इन दिनों रूक-रूक कर बारिश हो रही है। आसमान के बादल से ढंके होने के कारण अभी ठंड का अहसास पूरी तरह से नहीं हो पा रहा है। बादल के छंटते ही सर्दी के दस्तक देने की संभावना है।इ
इसलिए बरसता है कोहरा –

मौसम विज्ञानियों के अनुसार इन दिनों रूक-रूक कर हो रही वर्षा और बीच-बीच खिल रही धूप से तापमान में लगातार बदलाव की स्थिति बनी हुई है। बारिश से जमीन और वातावरण में नमी पर्याप्त मात्रा में बनी हुई है। वायुमंडल में ठंडी हवा मौजूद है। नीचे की गर्म एवं नमीयुक्त हवा व उपरी ठंडी के आपस में प्रतिक्रिया करने से कोहरा बनता है। वातावरण में मौजूद नमी की मात्रा अधिक होने से यह कोहरे के साथ पानी की बूंदों के रूप में कोहरे के साथ गिरते हैं।
दो दिन से हो रही है बारिश –
कोहरे के साथ बीते दो दिनों से शहर और इसके आसपास के इलाके में रूक-रूक कर बारिश भी हो रही है। बुधवार को भी दोपहर साढ़े तीन बजे के बाद बादल जमकर बरसे। मानसून के दौरान इस बार जिले में जमकर बारिश हुई है। भू अभिलेख शाखा के रिकार्ड के अनुसार 17161 मिली मीटर वर्षा रिकार्ड किया गया है। सबसे अधिक1532 मिली मीटर बारिश जिले के कुनकुरी ब्लाक में दर्ज किया गया है।

इसके साथ जिला मुख्यालय जशपुर में 1243,मनोरा में 1368,दुलदुला में 6996,फरसाबहार में 808,बगीचा में 1183,कांसाबेल में 1022,पत्थलगांव में 977,सन्ना में 1269,बागबहार में 759 मिली मीटर वर्षा रिकार्ड की गई है। लगातार हो रही वर्षा से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरे दिखाई देनी लगी है। खेतों में खरीफ की अर्ली वेरियाटी के धान की फसल तैयार होने लगी है। ऐसे में आसमान से बादल के ना छटने और बारिश होने से किसानों को फसल पर संकट की आशंका जता रहे हैं। वहीं दलहनी और तिलहनी फसलों को भी नुकसान होने का अंदेशा जताया जा रहा है।
इस तरह से करे सेहत का देखभाल –
जिला चिकित्सालय के चिकित्सा अधिकारी डा व्हीके अग्रवाल का कहना है मौसम में आ रहे उतार चढाव के दौरान स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए। उन्होनें बताया कि इस तरह के मौसम में सर्दी,खांसी,बुखार और बदन दर्द जैसी बीमारी की शिकायत आमतौर पर आती है।

पीड़ितों को डाक्टर से जांच और सलाह के बाद प्रिस्क्राइब्ड दवा का ही सेवन करना चाहिए। अपनी मर्जी या झोला छाप डाक्टर से दवा लेने से रिएक्शन का खतरा होता है। उन्होनें लोगों को सलाह दिया कि ऐसे मौसम में पानी में भिगने से बचना सबसे ज्यादा जरूरी है। इसके साथ ही बाजार में बिकने वाले खाद्य पदार्थो की जगह घर में पका हुआ भोजन खाएं और संयमित दिनचर्या का पालन करे। डा अग्रवाल ने रक्तचाप (बीपी),शुगर और हद्य रोग से जुझ रहे मरीजों को विशेष सावधानी बरतने और डाक्टर के सलाह के अनुसार समय पर दवा लेने की सलाह दी है।



