राजनांदगांव में बाल रत्न मंच सेवा समिति के गौ भक्तों ने गोपाष्टमी महापर्व धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर समिति के सदस्यों ने शहर के विभिन्न स्थानों पर गौ माता का विधि-विधान से पूजन-अर्चन किया।
.
गौ सेवक सौरभ खंडेलवाल और राहुल अग्रवाल ने बताया कि कार्तिक शुक्ल अष्टमी को गोपाष्टमी का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने 6 वर्ष की आयु में गोचारण प्रारंभ किया था। इस पर्व पर गौ माता को गुड़ और रोटी खिलाकर उनकी आरती की गई और विश्व कल्याण की कामना की गई।
सनातन संस्कृति में गौ माता को सर्वदेवमयी और वेदलक्षणा माना गया है, जिनमें 33 कोटि देवी-देवताओं का वास होता है। गौ भक्त मयंक शर्मा ने बताया कि गौ माता के दूध को अमृत और गोमूत्र को कष्ट निवारक औषधि माना जाता है।

बाल रत्न मंच सेवा समिति ने जगह-जगह किया गौ पूजन
समिति के सदस्यों ने हमाल पारा, रामाधीन मार्ग, गंज लाइन, भारत माता चौक, सदर लाल नंदई चौक, इंदिरा नगर दुर्गा चौक और बसंतपुर हॉस्पिटल के पास सहित कई स्थानों पर गौ पूजन किया। इस दौरान घायल गौ माता के उपचार के लिए स्वास्तिक जन समर्पण सेवा समिति को बाल रत्न मंच सेवा समिति की ओर से 2100 रुपये का सहयोग भी दिया गया।
समिति के सदस्यों ने कहा, भारतीय सनातन संस्कृति में गौ सेवा को सबसे उत्तम सेवा माना गया है। गौ सेवा करने से जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट होते हैं और यह बड़े भाग्य से मिलता है। जहां गौ माता का वास होता है, उसे देवलोक कहा जाता है।

समिति के सदस्यों ने कहा, आज हम सभी गौ सेवक राहुल अग्रवाल, सौरभ खंडेलवाल, रितेश यादव, मयंक शर्मा, संदेश जैन और अन्य सेवक विभिन्न चौक-चौराहों में गौ माता का पूजन करने के बाद गौशाला, पिंजरा पोल, जी ई रोड पहुंचे। वहां वेदलक्ष्णा गौ माता की पूजा-अर्चना की गई, उन्हें वस्त्र पहनाकर सम्मानित किया गया और गौ माता की आरती उतारी गई। इसके बाद गुड़ और रोटी खिलाकर गौ माता की प्रदक्षिणा की गई।
<



