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राज्य की फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी को राष्ट्रीय परीक्षण एवं अंशांकन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) से चार साल के लिए मान्यता मिली है। बोर्ड ने जांच रिपोर्ट के आधार पर प्रयोगशाला की 11 यूनिट को मान्यता दी है। क्योंकि यहां जांच अंतरराष्ट्रीय मानक
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एनएबीएल की मान्यता मिलने के बाद छत्तीसगढ़ की फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट अब न केवल सुप्रीम कोर्ट बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 78 देशों में मान्य होगी। इस उपलब्धि के साथ छत्तीसगढ़ फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी देश की टॉप-5 प्रयोगशालाओं में शामिल हो गई है।
महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार, ओडिशा, मध्यप्रदेश और आंध्रप्रदेश जैसे राज्यों की तुलना में रायपुर की लैब में अधिक आधुनिक मशीनें और बेहतर सुविधाएं हैं। संयुक्त संचालक टीएल चंद्रा ने बताया कि रायपुर की स्टेट फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी को लगातार अपडेट किया जा रहा है। प्रदेश में अब तक 3500 से अधिक डीएनए टेस्ट किए जा चुके हैं। इसके आधार पर कई आरोपियों की पहचान हुई और उन्हें न्यायालय से सजा भी मिली है।
लैब में नकली जेवर की जांच की भी सुविधा टैगोर नगर स्थित प्रयोगशाला में सोने-चांदी के जेवरों की गुणवत्ता जांच की जाती है। पुलिस थानों में जब्त जेवरों को जांच के लिए यहां भेजा जाता है। इससे कार्रवाई में आसानी होती है। देश की बहुत कम प्रयोगशालाओं में इस तरह की सुविधा उपलब्ध है। 420 के कई मामलों में रिपोर्ट से सजा हुई है।
टैंपर सीडी और मोबाइल की जांच टैंपर सीडी, वीडियो या फोटो की जांच भी लैब में शुरू हो गई है। इसके लिए लैब में 80 लाख से सवा करोड़ रुपए तक की कई हाईटेक मशीनें और सॉफ्टवेयर लगाए गए हैं। इस यूनिट में मोबाइल, लैपटॉप, हार्ड डिस्क, ईमेल और सोशल मीडिया डेटा की फॉरेंसिक जांच की जाती है।
लैब में नकली जेवर की जांच की भी सुविधा टैगोर नगर स्थित प्रयोगशाला में सोने-चांदी के जेवरों की गुणवत्ता जांच की जाती है। पुलिस थानों में जब्त जेवरों को जांच के लिए यहां भेजा जाता है। इससे कार्रवाई में आसानी होती है। देश की बहुत कम प्रयोगशालाओं में इस तरह की सुविधा उपलब्ध है। 420 के कई मामलों में रिपोर्ट से सजा हुई है।
टैंपर सीडी और मोबाइल की जांच टैंपर सीडी, वीडियो या फोटो की जांच भी लैब में शुरू हो गई है। इसके लिए लैब में 80 लाख से सवा करोड़ रुपए तक की कई हाईटेक मशीनें और सॉफ्टवेयर लगाए गए हैं। इस यूनिट में मोबाइल, लैपटॉप, हार्ड डिस्क, ईमेल और सोशल मीडिया डेटा की फॉरेंसिक जांच की जाती है।
और नई यूनिट भी खुलेंगी ^ हाईटेक होगा राज्य की फॉरेंसिक लैब एनएबीएल की मान्यता मिलना इस बात का प्रमाण है कि स्टेट फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी आधुनिक और विश्वसनीय है। सुविधाएं लगातार बढ़ाई जा रही हैं और जल्द कुछ नए यूनिट भी खोले जाएंगे। ताकि सभी तरह की जांच राज्य में ही संभव हो। पुलिस या जांच एजेंसियों को बाहर न जाना पड़े। -विजय शर्मा, उप मुख्यमंत्री
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