आरोप है कि आयोग के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी और तत्कालीन सचिव जीवन किशोर ध्रुव, आरती वासनिक, ललित गणवीर आदि ने अपने पदों का दुरुपयोग कर परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक कराकर अपने रिश्तेदारों और जान-पहचान वालों को पीएससी की परीक्षा पास करवाई। चयनित उम्मीदवार डिप्टी कलेक्टर और डीएसपी जैसे पद पर पदस्थ किए गए थे।
Publish Date: Wed, 29 Oct 2025 12:22:12 PM (IST)
Updated Date: Wed, 29 Oct 2025 01:51:41 PM (IST)

HighLights
- सीजीपीएससी का पेपर लीक करवाकर रिश्तेदारों को पास कराने का आरोप।
- नितेश सोनवानी और भतीजे साहिल सोनवानी को मिली जमानत।
- शशांक गोयल और उसकी पत्नी भूमिका कटियार को भी मिली जमानत।
नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। छत्तीसगढ़ पीएससी घोटाला प्रकरण में मुख्य आरोपित पीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के बेटे नितेश सोनवानी और भतीजे साहिल सोनवानी समेत शशांक गोयल और उसकी पत्नी भूमिका कटियार को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है।
सीबीआई ने इस मामले में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, बजरंग पावर इस्पात कंपनी के निदेशक श्रवण कुमार गोयल, उनके बेटे शशांक गोयल और बहू भूमिका कटियार, तत्कालीन उप नियंत्रक परीक्षा (सीजीपीएससी) ललित गणवीर, निशा कोसले, दीपा आदिल, सुमित ध्रुव समेत अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है।
पीएससी परीक्षा पास करवाई
सभी अभी जेल में बंद हैं। आरोप है कि आयोग के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी और तत्कालीन सचिव जीवन किशोर ध्रुव, आरती वासनिक, ललित गणवीर आदि ने अपने पदों का दुरुपयोग कर परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक कराकर अपने रिश्तेदारों और जान-पहचान वालों को पीएससी की परीक्षा पास करवाई। चयनित उम्मीदवार डिप्टी कलेक्टर और डीएसपी जैसे उच्च पद पर पदस्थ किए गए थे।
रिश्तेदार को परिवार शब्द से बदलने का आरोप
फरवरी 2024 में राज्य सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी। पिछले वर्ष जुलाई में सीबीआई ने 2020-2022 परीक्षा के दौरान सीजीपीएससी के माध्यम से डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी और अन्य सीनियर सरकारी पदों के लिए चयन में पक्षपात के आरोप में छत्तीसगढ़ में दर्ज दो मामलों की जांच अपने हाथ में लिया था। सीबीआई के अनुसार, पूर्व अध्यक्ष सोनवानी ने अपने भतीजों का चयन सुनिश्चित करने के लिए ‘रिश्तेदार’ शब्द को ‘परिवार’ से बदलकर नियमों में हेरफेर किया था।
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