CG News: भारतमाला परियोजना के भूमि अधिग्रहण में मुआवजा वितरण के दौरान हुए करोड़ों रुपए के घोटाले के मामले में तीन लोकसेवकों को एसीबी–ईओडब्ल्यू की टीम ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में तत्कालीन पटवारी दिनेश पटेल (नायकबांधा), लेखराम देवांगन (टोकरो) और बसंती घृतलहरे (भेलवाडीह) शामिल हैं।
By Deepak Shukla
Publish Date: Wed, 29 Oct 2025 05:35:40 PM (IST)
Updated Date: Wed, 29 Oct 2025 05:35:40 PM (IST)

HighLights
- 3 लोकसेवकों को एसीबी–ईओडब्ल्यू की टीम ने गिरफ्तार किया
- भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम समेत कई धाराओं में कार्रवाई
- लोकसेवकों पर करोड़ों की हेराफेरी का लगा है आरोप
नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। भारतमाला परियोजना के भूमि अधिग्रहण में मुआवजा वितरण के दौरान हुए करोड़ों रुपए के घोटाले के मामले में तीन लोकसेवकों को एसीबी–ईओडब्ल्यू की टीम ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में तत्कालीन पटवारी दिनेश पटेल (नायकबांधा), लेखराम देवांगन (टोकरो) और बसंती घृतलहरे (भेलवाडीह) शामिल हैं। यह कार्रवाई ब्यूरो में दर्ज अपराध के तहत की गई है। प्रकरण में आरोप है कि साल 2020 से 2024 के बीच रायपुर–विशाखापट्टनम प्रस्तावित इकॉनॉमिक कॉरिडोर (भारतमाला परियोजना) के लिए भूमि अधिग्रहण के दौरान शासन को भारी आर्थिक हानि पहुंचाई गई।
कई तरह से धोखाधडी की गई
आरोपों के अनुसार, लोकसेवकों ने भू-माफियाओं और कुछ निजी व्यक्तियों के साथ मिलकर भूमि का बैक डेट में बंटवारा और नामांतरण, कूटरचित दस्तावेजों की तैयारी, तथा शासन द्वारा अधिग्रहीत भूमि को पुनः शासन को विक्रय कर मुआवजा प्राप्त करने जैसी धोखाधड़ी की। इसके अलावा कई मामलों में भूमि स्वामी के स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति को मुआवजा दिलाने और निजी भूमि को गलत तरीके से अधिग्रहीत दिखाकर टुकड़ों में बांटकर भुगतान लेने के भी प्रमाण मिले हैं।
शासन को पहुंचाई गई करोड़ों की आर्थिक क्षति
जांच में पाया गया कि इस षड्यंत्र के माध्यम से शासन को करोड़ों रुपए की आर्थिक क्षति पहुंचाई गई है। ब्यूरो अधिकारियों के अनुसार, तीनों आरोपियों को मंगलवार 29 अक्टूबर को गिरफ्तार कर माननीय विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम), रायपुर में पेश किया गया। इस मामले में पूर्व में 10 आरोपियों, जिनमें दो लोकसेवक भी शामिल हैं, के खिलाफ 13 अक्टूबर 2025 को प्रथम अभियोग पत्र (चार्जशीट) न्यायालय में प्रस्तुत किया जा चुका है।
गौरतलब है कि उक्त तीनों आरोपियों और अन्य फरार लोकसेवकों के विरुद्ध पूर्व में न्यायालय द्वारा वारंट जारी कर उद्घोषणा और कुर्की की कार्रवाई की जा चुकी थी। हालांकि, इस दौरान माननीय उच्च न्यायालय ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी, जिसे 28 अक्टूबर 2025 को हटाए जाने के बाद एसीबी–ईओडब्ल्यू ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। अब भी प्रकरण के कुछ अन्य आरोपी फरार हैं, जिनकी तलाश और गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।
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