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महासमुंद में कांग्रेस जिलाध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया जारी है। गुरुवार को राजस्थान की वरिष्ठ विधायक और एआईसीसी की ओर से नियुक्त ऑब्जर्वर रीटा चौधरी महासमुंद पहुंचीं। उन्होंने स्थानीय राजीव भवन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि देश को युवा नेतृत्
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रीटा चौधरी ने बताया कि वे 13 अक्टूबर तक ब्लॉक और पंचायत स्तर पर कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगी। इसके अलावा समाजसेवियों, बुद्धिजीवियों, पत्रकारों, डॉक्टरों, वकीलों और उद्यमियों से भी राय मशविरा करेंगी। इन चर्चाओं के आधार पर वे महासमुंद कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पद के लिए 6 नामों का एक पैनल हाईकमान को सौंपेंगी।
जमीनी कार्यकर्ताओं को मिलेगा महत्व
उन्होंने कहा कि जमीन से जुड़े कार्यकर्ताओं को संगठन से कैसे जोड़ा जाए, यह समझा जाए। संवाद से निकलने वाले निष्कर्षों को नेतृत्व के साथ साझा कर संगठन को नए सिरे से सक्रिय किया जाएगा, ताकि भविष्य की चुनौतियों और संभावनाओं का बेहतर ढंग से सामना किया जा सके।
गुटबाजी पर खुलकर बोलीं ऑब्जर्वर
गुटबाजी से जुड़े एक सवाल के जवाब में रीटा चौधरी ने स्वीकार किया कि यह हर पार्टी में होती है। उन्होंने कहा कि सभी कार्यकर्ताओं की अपनी अपेक्षाएं होती हैं और हर कोई बड़े पद पर जाना चाहता है, इसी चाहत के कारण गुटबाजी उत्पन्न होती है। कांग्रेस पार्टी ने संगठन को मजबूत करने के लिए ‘सृजन अभियान’ की शुरुआत की है।
संगठन को फिर से सक्रिय करने की कोशिश
यह अभियान गुजरात से शुरू होकर हरियाणा, मध्यप्रदेश और तेलंगाना के बाद अब छत्तीसगढ़ में जारी है। ‘सृजन अभियान’ का निर्णय दिसंबर 2024 में कर्नाटक में आयोजित कांग्रेस अधिवेशन में लिया गया था। इस बार बड़े नेताओं की सिफारिश या गुटबाजी का दबाव नहीं चलेगा। जिलाध्यक्ष वही बनेगा जिसे जमीनी कार्यकर्ताओं का समर्थन प्राप्त होगा।
उन्होंने कहा कि वे 12 बिंदुओं पर आधारित एक फीडबैक रिपोर्ट तैयार करेंगी, जो कार्यकर्ताओं, समाज के विभिन्न वर्गों और कांग्रेस पदाधिकारियों की राय को समाहित करेगी।
ये हैं संभावित दावेदार
- डॉ. रश्मि चंद्राकर (वर्तमान जिलाध्यक्ष)
- विनोद चंद्राकर (पूर्व विधायक)
- अंकित बागबाहरा (पर्यटन मंडल के पूर्व सदस्य)
- अमरजीत चावला (प्रदेश संगठन महामंत्री)
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